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Highly beneficial for cold, obesity etc.
हिमालयन बेरी को अंग्रेजी में बकथांर्न फ्रूट कहां जाता है जाता है यह ले लद्दाख में सिंधु नदी के आसपास कांटेदार झाड़ियों में पाया जाता है पौराणिक कथाओं में भी इसका उल्लेख संजीवनी बूटी के रूप में आता है कहा जाता है युद्ध में जब लक्ष्मण जी बेहोश हो गए थे तो भगवान राम ने हनुमान जी को जिस बूटी को लाने के लिए हिमालय पर्वत पर भेजा था वह संजीवनी बूटी ले लद्दाख में पाई जाने वाली हिमालय बेरी ही थी
हिमालयन बेरी एक वनस्पतिक है इसका उपयोग चिकित्सकीय कार्य कार्य के लिए किया जाता है इसका वैज्ञानिक नाम ‘सेलाजिनेला ब्राहपटेर्सिस’ है इसकी उत्पत्ति लगभग 30 वर्ष पहले कार्बोनीफेरस युग से माना जाता है यहां औषधियो गुणों से भरपूर है इसकी पत्तियां फूल फल और बीज दवा बनाने के काम आते हैं इस रसीले फल का जिक्र कई पुस्तकों में मिलता है यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभप्रद है इसमें ओमेगा-3 6 और 9 फैटी एसिड पाए जाते हैं यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है इस फल के औषधीय गुणों के चलते ही चीन के लोग सदियों से इसका प्रयोग दवाइयों में कर रहे हैं खट्टे स्वाद वाला यह फल पकने के बाद खाने में स्वादिष्ट लगता है वजन कम करने के लिए इस फल का अत्यधिक प्रयोग किया जाता है 428 प्रकार के पोषक तत्व और सक्रिय पदार्थ के कारण इसे पोषण चिकित्सक खजाना कहा जाता है लेह लद्दाख एवं सिंधु नदी के आसपास तापमान 35 डिग्री से 40 डिग्री सेल्सियस तक हो जाता है यहां पर ऑक्सीजन की कमी होती है लेकिन हिमालय बेरी में भरपूर ऑक्सीजन पाया जाता है जिसमें यहां के लोग हिमालयन बेरी से ऑक्सीजन की कमी को पूरा करते हैं इसके फल जूस बीज झाड़ियां भी औषधीय गुणों से परिपूर्ण है

हिमालयन बेरी के गुण:-
यह प्रत्येक उम्र के स्त्री पुरुष तथा बच्चों के लिए लाभप्रद है ।





